अपना बाजार

 

अपना बाज़ार

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। इस बात पर आधारित छात्राओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिभास्थाली प्रांगण में ही अपना बाजार की शुरुआत हुई।

जिसमें छात्राओं की दैनिक जीवन व शैक्षणिक जीवन की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपना प्यारा व मनमोहक बाजार की भूमिका को साकार रूप दिया गया है, जिसमें छात्राओं की छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर मितव्ययी रूप से पूरा किया जाता है।