पाठ्यक्रम

प्रतिभास्थली में व्यक्तित्व विकास की अवधारणा को केन्द्रित करके संवेगात्मक, ज्ञानात्मक एवं क्रियात्मक पक्षों के सहज एवं समन्वित विकास हेतु छात्रोंमुखी ढांचा तैयार किया गया है।

प्रतिभास्थली में छात्राओं का व्यक्तिगत चिंताओं, ऐतिहासिक और समकालीन दृष्टिकोण के संदर्भ में बौद्धिक, शारीरिक, नैतिक, चारित्रिक, संवेदनात्मक, सांस्कृतिक एवं दार्शनिक विकास के विभिन्न आयामों को प्राप्त करने का उचित अवसर प्रस्तुत किया जाता है।

यहाँ ढांचा इस प्रकार से व्यवस्थित किया गया है ताकि अनुभवात्मक एवं खोजपूर्ण सीखने के तरीके उत्पन्न किए जा सकें जिससे उच्च स्तरीय नयी रचनात्मक खोज और गुणवत्ता को समझा एवं प्राप्त किया जा सके।

संस्कृति प्रधान राष्ट्र के उच्चतम नागरिक हेतु बाह्य प्रभाव की तीव्रता में आत्मानुशासन एवं भारतीयता की स्पृहा को, संस्कारों की उत्कृष्टता से सरोकार करने हेतु सेतु का कार्य किया जाता है।

त्रिभाषा सूत्र को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा में शिक्षण दिया जाता है। विज्ञान, गणित, भूगोल आदि विषयों के पारिभाषिक शब्दों का ज्ञान अंग्रेजी तथा हिन्दी भाषाओं में कराया जाता हैं। ताकि भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में सहजता रहें।

अंग्रेजी भाषा की वाक पटुता को सुदृढ़ करने हेतु Spoken English classes, श्रवण कक्षा, गतिविधियां, वाद-विवाद आदि संचालित किए जाते हैं।