गुरु चरण वंदना
गुरु और शिष्य के बीच का पवित्र बंधन किसी समय या किसी दिन का मोहताज नहीं होता है। यह तो वो भावनाएँ हैं जो प्रत्येक क्षण सभी में अन्तर्निहित हैं, बस उन्हें उजागर करने का मौका कभी-कभी मिलता है।
ऐसा कहा जाता है कि जिनके जीवन में गुरु नहीं उनका जीवन शुरू नहीं। जिनके जीवन में गुरु के आशीर्वचन पलते हैं उन्ही के जीवन में आशीर्वचन फलते हैं।
ऐसे ही परम हितैषी गुरु ही परम दिव्य सुखद शीतल छाया का अनुभव करने, उनका व्याख्यान करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ प्रतिभास्थली की सभी छात्राओं को गुरु पूर्णिमा के पावन शुभ अवसर पर।
सुन्दर प्रस्तुतियों के माध्यम से सुन्दर भावनाएँ प्रस्तुत कर छात्राओं ने गुरु गुणों का गुणानुवाद किया। छात्राएँ गुरु की सन्निधि प्राप्त कर गुरु वंदना एवं गुरु की शरण में रहकर अत्यंत सूक्ष्म संवेदनाओं के साथ भाव विभोर हो उठीं।
भक्ति से ओतप्रोत भावों के साथ समस्त छात्राओं ने दिनांक 15 अक्टूबर 2022 को अन्तरिक्ष पारसनाथ, शिरपुर में आचार्य भगवन गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज के समवशरण के दर्शन का लाभ लिया। आचार्य श्री जी की मधुर वाणी के सिंचन से छात्राओं को देश समाज एवं परिवार के लिए कुछ करने के लिए प्रेरणा मिली।
कक्षा नौवीं एवं दसवीं की समस्त छात्राओं ने सामूहिक रूप से अध्ययन के दौरान ब्रह्मचर्य व्रत को स्वीकार करने का श्रीफल गुरु चरणों में अर्पित किया।
आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के दीक्षा दिवस के अवसर पर सभी शिक्षिकाओं और छात्राओं को नवाचार्य आचार्य श्री समय सागरजी महाराज जी से अपने -अपने स्तर पर कर्तव्य का बोध हेतु मार्गदर्शन प्राप्त हुआ तथा सभी दर्शनार्थियों को आचार्य श्री समय सागर जी महाराज में आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागरजी महाराज की छवि के दर्शन हुए।
आचार्य श्री समय सागर जी महाराज ने अपनी अमृतवाणी में छात्राओं के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा, गुरु का महत्व केवल उपदेशों में नहीं, आचरण में होता है। ऐसी संस्कारित बेटियाँ राष्ट्र और समाज की आधारशिला हैं।
विद्यालय की प्रधानाचार्या एवं शिक्षकों ने आचार्य श्री का आशीर्वाद प्राप्त कर आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छात्राओं के लिए यह एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव है, जो उनके जीवन में मार्गदर्शक सिद्ध होगा।