क्रीडांगन
ऐसा स्थान, जहाँ छात्रायें अपनी सभी चिंताओं से मुक्त होकर तरह-तरह के झूले व पेड़-पौधों के बीच सृजनात्मक खेलों द्वारा स्वस्थ तन-मन के बीज का वपन करती हैं।
रंग-बिरंगे फूलों के बीच रहकर उनसे विषम परिस्तिथियों में भी सहनशीलता की पंखुड़ियों से अपने व दूसरों के जीवन में प्रेम वात्सल्य की महक बिखेरती है।