हमारा उद्देश्य

“हित का सृजन अहित का विसर्जन यही शिक्षा का लक्षण है।”

स्वस्थ शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति में सही व गलत के अंतर को भली-भांति समझकर, स्व-पर के हित व अहित का विवेक जागृत होता है। इसी लक्षण को ध्यान में रखकर प्रतिभास्थली प्रणेता आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के श्री मुख से स्वस्थ शिक्षा के उद्देश्य हेतु सात स्वस्थ आधार स्तम्भ प्रदान किए गए, जिनको आत्मसात कर प्रतिभास्थली की छात्राएँ न केवल स्व का अपितु सम्पूर्ण समाज, राष्ट्र व देश का विकास कर एक स्वस्थ स्वराष्ट्र का निर्माण करेंगी।